Lyrics

इश्क मोहब्बत दीवानगी ये बस लफ्ज थे, जब तुम मिले तब इन लफ्जों को मायने मिले

घायल कर के मुझे उसने पूछा, करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे, लहू-लहू था दिल मेरा मगर होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा

हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक दूर कर दो, हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो